ज्वार-भाटा सा सुख-दुख है होता, बिल्कुल ही हम मानें न डर। ज्वार-भाटा सा सुख-दुख है होता, बिल्कुल ही हम मानें न डर।
जिंदगी के सिलबट्टे में ये सुख दुख के दाने हैं। जिंदगी के सिलबट्टे में ये सुख दुख के दाने हैं।
उसके अंतस में ऐसी कई चीज़ें हैं जो पर्वत हो गई हैं। उसके अंतस में ऐसी कई चीज़ें हैं जो पर्वत हो गई हैं।
सचमुच प्राणी मात्र, भाग्य पर निर्भर रहता। सचमुच प्राणी मात्र, भाग्य पर निर्भर रहता।
सुकून मुझे मिलता इससे कैसे तुम्हें मैं समझाऊं। सुकून मुझे मिलता इससे कैसे तुम्हें मैं समझाऊं।
यह है एक मीठा गीत, इसे गुनगुनाना सीखो। यह है एक मीठा गीत, इसे गुनगुनाना सीखो।